Amit Shah के बयान पर Rahul Gandhi का तीखा हमला, माफी की मांग
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लोकसभा में विपक्ष के नेता Rahul Gandhi ने बुधवार को कहा कि देश बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, संविधान निर्माता का अपमान सहन नहीं करेगा। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब के संदर्भ में की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि गृह मंत्री को माफी मांगनी चाहिए। राहुल गांधी ने संसद परिसर में विपक्ष के विरोध प्रदर्शन की तस्वीर साझा करते हुए अपने व्हाट्सएप चैनल पर लिखा, “बाबा साहेब संविधान निर्माता हैं, वे महान व्यक्ति हैं जिन्होंने देश को दिशा दी। देश उनके अपमान को सहन नहीं करेगा, उनके द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान भी सहन नहीं किया जाएगा। गृह मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।”
प्रियंका गांधी का आरोप
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “बाबा साहेब का नाम लेना अधिकार देता है। बाबा साहेब का नाम लेना मानव गरिमा का प्रतीक है। बाबा साहेब का नाम करोड़ों दलितों और वंचित लोगों की आत्म-सम्मान का प्रतीक है।” कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान के 75 साल के विषय पर चर्चा के दौरान बाबा साहेब का अपमान किया। कांग्रेस ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश जारी किया, जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर तंज कसते हुए कहते हुए सुने गए, “अब ये फैशन बन गया है – अंबेडकर, अंबेडकर। अगर आपने भगवान के इतने नाम लिए होते तो सात जन्मों तक स्वर्ग में रहते।”
रिजिजू का पलटवार
राज्यसभा में भाजपा के वरिष्ठ नेता और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दल गृह मंत्री के बयान को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। रिजिजू ने संसद भवन में संवाददाताओं से कहा, “अमित शाह के राज्यसभा में दिए गए भाषण का एक छोटा सा क्लिप प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें जो उन्होंने कहा है, उसे गलत तरीके से पेश किया गया है। यह गलत है। मैं इसकी निंदा करता हूं।” उन्होंने कहा कि शाह ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कांग्रेस ने बाबा साहेब का अपमान तब किया था जब वे जीवित थे। रिजिजू ने आरोप लगाया, “कांग्रेस बाबा साहेब का नाम अपने पाप धोने के लिए ले रही है, राजनीतिक और चुनावी लाभ के लिए।”
अमित शाह ने किया बाबा साहेब का सम्मान
रिजिजू ने कहा कि वर्तमान सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, बाबा साहेब के सम्मान में कई काम कर चुकी है। उन्होंने कहा, “हम बाबा साहेब का सम्मान करते हैं।” इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि क्यों बाबा साहेब को नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने कहा, “नेहरू ने उनका अपमान किया, जिससे उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने बाबा साहेब को लोकसभा चुनाव हारने के लिए मजबूर किया था।” रिजिजू ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बाबा साहेब का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, यहां तक कि उनकी मृत्यु के बाद भी उन्हें भारत रत्न तक नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने उन्हें अपमानित किया है और देश के साथ खेल खेला है।”
खड़गे ने किया तीखा हमला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि अमित शाह की टिप्पणी का मतलब यह था कि बाबा साहेब का नाम लेना भी अपराध हो गया है। उन्होंने कहा, “जब अमित शाह जी ने सदन में बाबा साहेब अंबेडकर का नाम लिया, तो मैंने अपना हाथ उठाया और बोलने की अनुमति मांगी। लेकिन मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया। उस समय हम सभी शांति से बैठे थे, क्योंकि हम संविधान पर चर्चा कर रहे थे।” खड़गे ने आरोप लगाया कि शाह की टिप्पणी से यह स्पष्ट होता है कि उन्हें बाबा साहेब के संविधान का कोई सम्मान नहीं है।
खड़गे ने मांग की इस्तीफे की
खड़गे ने कहा, “हम शाह की टिप्पणी का विरोध करते हैं। देश और देशवासियों के लिए बाबा साहेब का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। अमित शाह को देश से माफी मांगनी चाहिए और अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।” खड़गे ने कहा कि जो लोग बाबा साहेब के विचारों का अनुसरण करते हैं, वे कभी उनका अपमान नहीं कर सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह और भाजपा के लोग ‘मनुस्मृति’ और संघ विचारधारा के प्रभाव में हैं, जो बाबा साहेब के संविधान का अपमान करती है।
रिजिजू का जवाब जारी है
रिजिजू ने फिर से आरोप लगाया कि कांग्रेस बाबा साहेब के नाम का दुरुपयोग वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रही है। उन्होंने कहा, “मैं एक बौद्ध हूं जो बाबा साहेब के दिखाए मार्ग का पालन करता हूं। 1951 में बाबा साहेब ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन 71 साल बाद मोदी जी ने एक और बौद्ध को मंत्री बनाया। हम बाबा साहेब के दिखाए रास्ते का अनुसरण करते हैं। ये लोग उनके नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं।”
कांग्रेस का विरोध जारी
इस पूरे विवाद पर कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि शाह की टिप्पणी ने बाबा साहेब का अपमान किया है और इसपर कार्रवाई की जानी चाहिए। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन भी किया और सरकार से उचित कदम उठाने की मांग की।
इस विवाद ने संसद में एक बार फिर राजनीति को गरम कर दिया है। जहां एक ओर कांग्रेस और विपक्षी दलों ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, वहीं भाजपा और रिजिजू इसे कांग्रेस द्वारा किए गए दुष्प्रचार के रूप में पेश कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या सरकार इस विवाद का समाधान निकालने में सक्षम होती है।